जब जागो तभी सवेरा, यह कहावत कुसनु मौर्य के लिए पूर्णतः चरितार्थ होती है। कुसनु मौर्य कोण्डागांव जिले के ग्राम पंचायत माकड़ी के रहवासी हैं। 17 मई, 2016 को कुसनु मौर्य अपनी नियमित दिनचर्या के अनुरूप सारे काम-काज निपटाकर घर पर विश्राम कर रहे थे तभी उन्हे षौच जाने की आवष्यकता महसूस हुई। आने वाले खतरे से अनभिज्ञ कुसनु मौर्य षौच के लिए घर से बाहर झााड़ियों की ओर निकल पड़े। इसी दौरान एक विषैले सर्प ने उन्हे काट लिया। कुसनु मौर्य को ईलाज के लिए जिला अस्पताल कोण्डागांव में भर्ती किया गया । इस घटना ने उन्हे झकझोर कर रख दिया, वे इस भय से मुक्त नही हो पा रहे थे कि यह सर्पदंष उनके लिए प्राणघातक भी हो सकता था। कुसनु मौर्य ने अस्पताल में ही निष्चय कर लिया कि वे अपने घर षौचालय का निर्माण करवाकर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिष्चित करेंगे। स्वस्थ होने के तुरंत पष्चात अपने निष्चय के अनुरूप कुसनू मौर्य ने तीन दिनों के भीतर अपने घर में षौचालय बनवाया और आज उनका पूरा परिवार षौचालय का उपयोग करता है। उनका यह निष्चय यहीं नही थमा उन्होने औरों को भी अपनी आप बीती से प्रेरित किया, सबने षौचालय का महत्व समझा और ग्राम पंचायत माकड़ी खुले में षौचमुक्त हुआ। माकड़ी गांव आज भी वही है, पर सुबह नई है निष्चिंत, निर्भिक।